यह जो ब्रह्मविद्या है यह
अमृतजा है, अमृत से उत्पन्न है, अमृत का क्या अर्थ है? क्या अमृत कोई पेय पदार्थ है
जिसे पीकर अमरता प्राप्त हो जाती है, या वह कोई रसायन है? अमृत का अर्थ है- 'यो न मृतः'
जो मरा नहीं | जो मरता नहीं वह उत्पन्न भी नहीं होता, वह शाश्वत नित्य अनादि होता है
|उसमें किसी प्रकार का ह्रास-विकास नहीं होता, वह जो अमृत तत्त्व है वह ईश्वर की सत्ता
है |
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